बैकुन्ठपुर/ शासकीय रामानुज प्रताप सिंहदेव स्नातकोत्तर महाविद्यालय बैकुण्ठपुर के राष्ट्रीय सेवा योजना महिला एवं पुरूष इकाई द्वारा प्राचार्य डॉ. ए.सी.गुप्ता, के सरंक्षण, प्रो. एम.सी.हिमधर, जिला संगठक के मुख्य अतिथ्य श्री भूपेन्द्र सिंह विभागाध्यक्ष इतिहास की अध्यक्षता एवं डॉ. श्रीमती प्रीति गुप्ता एवं श्री अनुरंजन कुजूर के संयोजन में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती एवं स्वामी विवेकानंद के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
तद्उपरांत राज्यगीत की प्रस्तुति हुई। साक्षर भारत से ही विकसित भारत का सपना पूरा होगा विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें आयुष साहू, बी.एससी. प्रथम सेमेस्टर ने पहला स्थान, अनुज राजवाड़े बी.एससी. प्रथम सेमेस्टर ने दूसरा स्थान तथा दीलिप कुमार साहू, बी.कॉम प्रथम सेमेस्टर ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। उल्लाष नव भारत थीम पर रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें अपर्णा एवं मुस्कान की टीम ने प्रथम, नीलम, खुशी एवं आरती की टीम ने द्वितीय तथा प्रतिक्षा, रोशनी एवं तनुप्रिया की टीम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। साक्षरता गीत में धनेश्वर बी.ए. अंतिम ने पहला स्थान तथा प्रभूराम बी.एससी. प्रथम वर्ष ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर स्वयं सेवक कृष्णा राजवाडे, शशी पोर्ते, अंकित मोदी, आयुष साहू, अपर्णा सिंह एवं प्रतिक्षा ने साक्षरता दिवस पर अपने विचार व्यक्त किये। उद्बोधन के क्रम में कार्यक्रम अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि यूनेस्को के द्वारा सन 1965 में 08 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस घोषित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को साक्षर करना है साथ ही सामाजिक और मानव विकास की अपने अधिकारों को जानने की आवश्यकता के बारे में जागरूक किया जा सके। मानव को अपने अधिकारों का जानने और कौशल को सीखने के लिए साक्षर होना जरूरी है। मुख्य अतिथि प्रो. एम.सी.हिमधन ने कहा कि भारत विकसित भारत तभी बनेगा जब देश का प्रत्येक नागरिक साक्षर होगा। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का थीम बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देना : आपसी समझ और शांति के लिए साक्षरता निर्धारित किया गया है। भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत समाज में सभी के लिए शिक्षा पर केन्द्र प्रायोजित योजना उल्लाष नव भारत साक्षरता कार्यक्रम लागू किया गया है जिसके बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता, महत्वपूर्ण जीवन कौशल, बुनियादी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा और सतत शिक्षा पांच घटक निर्धारित किये गऐ हैं। सभी स्वयं सेवकों को अपने मोहल्ले गांव में निरक्षर लोगों को पता कर उन्हें साक्षर करने में अपनी सेवाएं देना है। अज्ञानी को ज्ञान का बोध कराना या अंधेरे से ऊजाले मे लाना भी पूण्य का काम है। सफल कार्यक्रम आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दिया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ स्वयंसेविका तुनप्रिया यादव ने किया। अंत में कार्यक्रम संयोजक अनुरंजन कुजूर ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया और जन -जन को साक्षर बनाने के इस राष्ट्रीय अभियान में अपनी सहभागिता देने के लिए अपील की। कार्यक्रम को सफल बनाने में अनुज कुमार साहू, कृष्णा राजवाड़े, निखिल साहू, मुस्कान, आरती सिंह, रोशनी साहू, दीपान दास, भुवन पाल, राहूल सिंह, देवा, मुकेशजीत लहरे, प्रभुराम एवं धनेश्वर की महत्वपूर्ण भूमिका रही।