बिलासपुर / रायगढ़ घराने के प्रसिद्ध कत्थक गुरू रामलाल बरेठ की कलासाधना को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। 9 मई को उन्हे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया। पद्मश्री पुरस्कार मिलने से रायगढ़ और बिलासपुर वासियों में खुशी की लहर है, वहीं परिवार ने इसे वर्षों की कलासाधना का सम्मान बताया। रामलाल बरेठ अपनी कला को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है और छत्तीसगढ़ में चक्रधर कलाकेन्द्र की स्थापना किए जाने की उन्होंने बात कही।
देश के तीसरे बड़े नागरिक सम्मान से नवाजे जाने के बाद रामलाल बरेठ बिलासपुर के मंगला स्थित अपने निवास पहुंचे जहां उनसे मिलने शुभचिंतकों का तांता लगा रहा। रामलाल बरेठ का जन्म जांजगीर चांपा जिले के भुंवरमाल गांव में हुआ, यहां से उनके पिता उन्हे रायगढ़ राजघराने ले गए। कई दशकों से रायगढ़ राजघराने में कत्थक नर्तक और गुरू रामलाल जी ने अपनी कला यात्रा के बारे में चर्चा की और पद्मश्री पुरस्कार से नवाजे जाने पर खुशी जाहिर करते हुए अपने अनुभव साझा किए उन्होंने कहा कि उनकी वर्षाे की साधना को मिले सम्मान से उत्साहित है और कला के संर्वधन के प्रति उनका कार्य जारी रहेगा।