कोरिया / जिले में ह्यूमन फ्रेंडली हो चले कोबरा का रेस्क्यू करने के लिए वन विभाग की टीम मंगलवार को ग्राम चारपारा पहुंची। लेकिन ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम को कोबरा का रेस्क्यू करने से रोक दिया। ग्रामीणों ने वनकर्मियों से कहा था कि, गांव के लोग एक समिति बनाकर उसकी देख रेख करेंगे। ग्रामीणों के भारी विरोध के चलते वन विभाग की टीम को बैरंग लौटना पड़ा। इस खबर के बाद कोरिया कलेक्टर विनय लंगेह ने सख्त रुख दिखाते हुए अंधविश्वास के जाल को तुड़वा दिया है।
कलेक्टर के निर्देश पर पुलिस और जिला प्रशासन की बड़ी टीम के साथ वन विभाग ने कोबरा को रेस्क्यू कर तालाब से निकाल लिया। तालाब से निकालकर कोबरा को रामगढ़ के जंगलों में छोड़ दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि, कोरिया जिले के चार पारा गांव के एक तालाब में घूम रहा कोबरा प्रजाति का सांप पिछले पखवाड़ेभर से लोगों की उत्सुकता और कौतूहल का विषय बना हुआ है। वह लोगों के न सिर्फ करीब आ जाता है बल्कि उसे छूने, सहलाने से भी वह भागता नहीं बल्कि शांत भाव से लोगों के करीब बैठा रहता है।
हालांकि उसके साथ खिलवाड़ करने पर कोबरा ने एक ग्रामीण का काट लिया था, जिससे उसकी मौत भी हो चुकी है। इसी खबर के बाद डीएफओ प्रभाकर खलखो की पहल पर कोबरा का रेस्क्यू करने वन विभाग की एक टीम मंगलवार को ग्राम चारपारा पहुंची। ग्रामीणों ने विभाग की टीम को यह कहते हुए रेस्क्यू करने से रोक दिया कि, हमने समिति बनाकर तालाब से सबको बाहर कर दिया है और जिसको भी अब दर्शन करना है वो अब बाहर से ही दर्शन करेगा। जिसके बाद वन विभाग की टीम ने अपने पैर खिंच लिए और बिना रेस्क्यू किए लौट गए। इसके बाद पुलिस और जिला प्रशासन की बड़ी टीम के साथ वन विभाग ने कोबरा को रेस्क्यू कर तालाब से निकाल लिया और जंगल में छोड़ दिया।