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रामानुज महाविद्यालय में मना दसवां अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस

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बैकुण्ठपुर / भारत सरकार युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के निर्देशानुसार, प्राचार्य डॉ0 ए0 सी0 गुप्ता के संरक्षण, जिला संगठक प्रो0 एम0 सी0 हिमधर के मार्गदर्शन एवं कार्यक्रम अधिकारी द्वय डॉ0 श्रीमती प्रीति गुप्ता एवं श्री अनुरंजन कुजूर के संयोजन में दसवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के इन्डोर स्टेडियम मे योग प्रदर्शन का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

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कार्यक्रम को संचालित करते हुए जिला संगठक रासेयो एवं युवा रेडक्रास प्रभारी ने बताया कि- अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। योग शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ एकजुट होना या जोड़ना होता है। योग भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है, वेद उपनिषदों काव्यों में उल्लेखित है, हमारे ऋषिमुनियों व संतो ने योग के माध्यम से ज्ञान व सिद्धी को पाया है।

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आज दौड़ भाग जीवन के दीनचर्या व अव्यवस्थित खान-पान से शरीर बीमार ग्रस्त हो रहा है, और ईलाज पर हजारों लाखों रूपये खर्च हो रहा है अतः हमें अपने दिनचर्या में योग को शामिल किया जाना चाहिए। इस वर्ष “स्वयं एवं समाज के लिए योग” थीम निर्धारित किया गया है। जिसका अर्थ है स्वयं अपनी आदत में योग को शामिल करें एवं समाज के लोगों को जागरूक कर योग के लिए प्रेरित करें। कार्यक्रम का शुभारम्भ डॉ0 ए0 सी0 गुप्ता प्राचार्य द्वारा युवा प्रेरणा पुरूष स्वामी विवेकानन्द के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। योगाचार्य डॉ0 आशुतोष देऊस्कर सहायक प्राध्यापक मनोविज्ञान के द्वारा योग प्रोटोकॉल के अनुसार योगाभ्यास कराया गया। जिसका शुभारम्भ गायत्री मंत्र एवं सामूहिक प्रार्थना से किया गया। पहले चरण में वार्मअप व्यायाम कराया गया। सूर्य नमस्कार के 12 आसनों का अभ्यास कराया गया। विभिन्न आसन क्रमशः ग्रीवाचालन, स्कंध संचालन, कटीचालन, ताड़ासन, वृक्षासन, अर्द्धहलासन, पवन मुक्त आसन, सस्कासन, पाद हस्तासन, त्रिकोणआसन, भद्रासन, उट्रासन, शीर्षासन, वक्रासन, भुजंग आसन, शवआसन, सेतु बन्ध के साथ- साथ प्राणायाम अन्तर्गत – भस्तिका, कपाल भारती, अनुलोम- विलोम, शीतली, भ्रामरी, सुरीली एवं ध्यान मुद्रा का अभ्यास कराया गया, साथ ही इन आसनों से होने वाले लाभों के बारे में बताया गया। अंत में प्राचार्य महोदय द्वारा स्वयं योग करने एवं अन्य लोगों को योग के लिए प्रेरित कर स्वस्थ्य भारत बनाने का शपथ दिलाया गया। अंत में ओम शांति पाठ के साथ योग का समापन हुआ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य ने कहा कि- योग एक दिन का कार्यक्रम नहीं है प्रतिदिन इसके लिए एक घण्टा समय देना होगा तभी हम सब स्वस्थ जीवन जी पाएंगे। योग हमारे जीवन के लिए एक उपयोगी व्यायाम है। इसे करने से शरीर निरोग रहता है, अतः अपनी दिनचर्या में योग को शामिल करें। कार्यक्रम संयोजक श्री अनुरंजन कुजूर ने आभार प्रदर्शन करते हुए कहा कि- योग प्रशिक्षक द्वारा मंगला चरण से लेकर शांति पाठ तक जो योग के बारीकियां समझाई है वह बड़े ही अनुकरणीय है। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ0 गौरव कुमार मिश्र, डॉ0 बृजेश कुमार पाण्डेय, कार्यालयीन स्टॉफ शशि भूषण, तेजी लाल कुजूर, रवि, संतोष एवं रासेयो स्वयं सेवक आकाश सिंह, कृष्णा राजवाड़े, तौफीक खान, तनुप्रिया यादव, डोलिमा राजवाड़े, मनोज कुमार, संगीता यादव, पूजा पंकज, खुशबू रजक, अनुज साहू, दुर्गा राजवाड़े, अनुक, विशु, बिट्टू, सुनैना, कुसुम, नेहा कुर्रे, हेम पुष्पा, देवन्ती राजवाड़े, नेहा राजवाड़े सहित समर्थ कोचिंग में पढ़ने वाले छात्र/छात्राएं भी शामिल रहे।

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