संस्कार की भाषा है संस्कृत भाषा – जगद्गुरू
संस्कार की भाषा है संस्कृत भाषा - जगद्गुरू
संस्कार की भाषा है संस्कृत भाषा – जगद्गुरू
चित्रकूट। जगदगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में रविवार से 29 अगस्त तक होने वाले संस्कृत महोत्सव व्याख्यान माला का अयोजन संस्कृत विभाग द्वारा विश्वविद्यालय के अष्टावक्र सभागार में आयोजित किया गया।
श्री लाल बहादुर शास्त्री केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यलय नयी दिल्ली के कुलपति प्रो मुरली मनोहर पाठक ने कहा कि संस्कृत भाषा देववाणी के रूप में प्रतिष्ठित है। अतः दैवीय गुणों के आधान के लिए हमें संस्कृत भाषा को जानना बहुत आवश्यक है। हमारा सम्पूर्ण ज्ञान-विज्ञान वेदों, उपनिषदों में निहित है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के जीवनपर्यन्त कुलाधिपति पद्मविभूषण राघवीयो जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने बताया कि संस्कृत भाषा को संस्कार की भाषा है। भारतीय संस्कृति को जानने के लिए संस्कृत भाषा आवश्यक है। श्रीतुलसीपीठ सेवा न्यास के उत्तराधिकारी आचार्य रामचन्द्र दास ने संस्कृत भाषा में तिहित गुरू महिमा का विस्तार से वर्णन किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शिशिर कुमार पाण्डेय ने संस्कृत को महान भारतीय परम्परा से युक्त बताया। कार्यक्रम का संचालन संस्कृत विभाग प्रभारी डाॅ प्रमिला मिश्रा ने किया।
इस मौके पर कुलसचिव राजबहादुर सिंह, वित्त अधिकारी आरपी मिश्रा, अधिष्ठाता डाॅ महेन्द्र कुमार उपाध्याय, डाॅ विनोद कुमार मिश्र, पीआरओ सुधीर कुमार आदि मौजूद रहे।