उत्तर प्रदेशचित्रकूटराज्य

ग्रामोदय विश्वविद्यालय और भोज यूनिवर्सिटी के मध्य एमओयू के साथ गुणवत्ता संवर्द्धन कार्यशाला संपन्न

ग्रामोदय विश्वविद्यालय और भोज यूनिवर्सिटी के मध्य एमओयू के साथ गुणवत्ता संवर्द्धन कार्यशाला संपन्न

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ग्रामोदय विश्वविद्यालय और भोज यूनिवर्सिटी के मध्य एमओयू के साथ गुणवत्ता संवर्द्धन कार्यशाला संपन्न

चित्रकूट। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के दूरवर्ती अध्ययन एवं सतत शिक्षा केन्द्र के तत्वावधान में अमर्त्यसेन सभागार में आयोजित एक दिवसीय गुणवता संवर्धन कार्यशाला ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट और भोज यूनिवर्सिटी भोपाल के मध्य हुए एमओयू के साथ हुई। इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि प्रो संजय तिवारी, कुलपति मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय भोपाल रहे । अध्यक्षता महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने की।इस दौरान दूरवर्ती कार्यक्रम निर्देशिका शीर्षक पुस्तक और दूरवर्ती संवाद न्यूज लैटर के प्रवेशांक का विमोचन किया किया गया। तकनीकी सत्रों में प्रवेश, संपर्क कक्षा, सतत मूल्यांकन, परीक्षा, मूल्यांकन आदि से जुड़े सवालों का समाधान भी किया गया।
भोज मुक्त विश्वविद्यालय भोपाल के कुलपति प्रो संजय तिवारी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों की चर्चा करते हुए दूरवर्ती शिक्षा की प्रासंगिकता और महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह प्रयास दूरवर्ती कार्यक्रम के सतत विकास में सार्थक भूमिका अदा करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अकादमिक नवाचारों के कारण ग्रामोदय विश्वविद्यालय देश के प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थाओं में अपनी पहचान बना रहा है। कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने कहा कि ग्रामोदय विश्वविद्यालय को देश के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की श्रेणी में आज इसे गिना जा रहा है। यूजीसी ने एनईपी की तृतीय वर्षगांठ पर दिल्ली में आयोजित भारतीय शिक्षा समागम में ग्रामोदय विश्वविद्यालय के दूरवर्ती सम्बन्धी अकादमिक नवाचारों की प्रस्तुति का अवसर देकर इसके महत्त्व को प्रमाणित कर दिया है। शिक्षा, अनुसंधान, प्रसार आदि की गुणवत्ता के कारण ही देश विदेश में ग्रामोदय विश्वविद्यालय के दूरवर्ती पाठ्यक्रमों की प्रतिष्ठा बढ़ रही है। कुलसचिव नीरजा नामदेव ने ग्रामोदय विश्वविद्यालय की विकास यात्रा को प्रस्तुत करते हुए संभावनाओं पर प्रकाश डाला। दूरवर्ती अध्ययन एवं सतत शिक्षा केन्द्र के निदेशक डॉ कमलेश कुमार थापक ने कार्यशाला के औचित्य, महत्त्व एवं दूरवर्ती शिक्षा कार्यक्रम की विस्तृत कार्य योजना को बताया। विशेष चर्चा सत्रों का संयोजन डा. आंजनेय पांडेय, अधिष्ठाता अभियांत्रिकी संकाय ने किया। द्वितीय सत्र में क्षेत्रीय समन्वयक पन्ना डा. दुर्गा त्रिपाठी ने परीक्षा और मूल्यांकन प्रक्रिया की बारीकियों पर प्रकाश डाला। उदघाटन सत्र का संचालन काशी तिवारी ने किया। कार्यशाला आयोजक एवं निदेशक दूरवर्ती डॉ कमलेश कुमार थापक ने कहा कि यह कार्यशाला इस दृष्टि से महत्वपूर्ण रही कि हमने समस्याओं को समझकर उनसे निजात पाने और देश का सर्वश्रेष्ठ दूरवर्ती केन्द्र बनने का संकल्प सामूहिक रूप से लिया।

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