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बिलासपुर,कमाल है तेरी नजर,घंटे में किया कमाल,रातभर शोर शराबा होता रहे। देर रात तक रंगीनियां बिखरती रही, मजाल है किसी अधिकारी की नजर पड़ जाए*

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शहर के चौक-चौराहों पर कानून का उल्लंघन करने वाले घूम रहे हैं। जगह-जगह पर शराब की बिक्री हो रही है। लेकिन मजाल है किसी अधिकारी की नजर पड़ जाए। जब मन हुआ आदेश कर दिए। फिर मातहत फिरते किसी को पकड़ लाए। लेकिन एक जगह ऐसी है जहां पर हर किसी की नजर जमी रहती है। अगल-बगल में रातभर शोर शराबा होता रहे। देर रात तक रंगीनियां बिखरती रही। बगल की सड़क पर हंगामा होता रहे। लेकिन किसी की नजर ही नहीं जाती। उसी जगह पर जाकर सबकी निगाहें टिकती हैं जहां पर कभी-कभी कोई गलती हो जाए। इसे लेकर अब शहर में भी सवाल उठने लगे हैं। नीयत पर भी। क्या पता बगल की सड़क वालों से कोई खास रिश्ता भी हो। अब चर्चा शुरू हो गई है तो बता दें कि बगल वाले ने शहर भर की सेटिंग का बीड़ा उठा रखा है। इसके कारण उस पर कोई आंख नहीं उठाता। जिले के एक थाना क्षेत्र में चोरी हो गई। मकान मालिक ने अपने ही रिश्तेदार पर चोरी करने का संदेह जताया। अपराध दर्ज करने के बाद जब संदेही मिल जाए तो पुलिस को मामला सुलझाने में जरा भी देर नहीं लगती है। पुलिस ने कुछ ही देर में मामले का राजफाश कर दिया। फौरी तौर पर आरोपित को पकड़कर न्यायालय में भी पेश कर दिया गया। लेकिन इसके कुछ ही देर में ही कमाल हो गया। पीड़ित ने मोटी रकम चोरी होना बताया। इधर कुछ ही देर बाद पकड़े जाने पर भी मामूली रकम की जब्ती बताई गई। बाकि की रकम कहीं गायब हो गई। अब बताते हैं कि राजफाश करने वालों ने ही अपनी मेहनत का इनाम खुद ही अपने पास रख लिया। पूछताछ और बाकि की रकम रिश्तेदार के ही मत्थे मढ़ दिया गया। अब पूरा जाने के भय से पीड़ित ने आधी को ही अपनी किस्मत मान लिया है। जिले से पुलिस कप्तान की विदाई हो चुकी है। साहब जब तक बिलासपुर में रहे नशे के सौदागरों और नशेड़ियों को चैन से रहने नहीं दिया। सौदागर और नशेड़ियों की एक भी शिकायत नहीं सुनी। नशे का कारोबार करने वाले जवानों की शिकायत लेकर आते तो उल्टे पांव लौटाते रहे। साथ ही कानून व्यवस्था को लेकर कड़ाई भी खूब की। यही वजह है कि इसकी चर्चा देशभर में होती रही। इस बीच साहब ने जाते-जाते पढ़ने-लिखने वालों के लिए भी बड़ा काम कर दिया। पढ़ने लिखने वालों के लिए बड़ी लाइब्रेरी की व्यवस्था की गई है। हालांकि इसका उद्घाटन कप्तान साहब के जिले से चले जाने के बाद हुआ। लेकिन मन में संतोष है कि पढ़ने लिखने वालों के लिए एक बढ़िया जगह मिल गई है। साहब ने यहां नई बनी लाइब्रेरी को समृद्ध भी किया है। उनके जाने के बाद भी लोग उन्हें इसी काम से याद कर रहे हैं। पहले कप्तान ने नशे के कारोबारियों पर हमेशा ही नजर टेड़ी ही रखी। खासकर नशीली दवाओं के कारोबारियों पर कोई मुरव्वत नहीं की थी। सूचना मिलने के बाद धर दबोचने में जरा भी देरी नहीं की। इसका असर भी देखने को मिला। अब इससे लगभग निजात मिल ही चुकी है। अब के थानेदार भी इस बला को शहर से दूर ही रखना चाहते हैं। इसके कारण कोई ढील नहीं है। लेकिन शराब का मामला इससे अलग ही है। इससे मिलने वाली मलाई मैदानी अमले के लिए ईंधन का काम करती रही है। मैदानी अमला इससे ज्यादा ही उम्मीद लगा बैठा है। ग्रामीण क्षेत्र में भी अब कई नई दुकान खुलने को तैयार है। इसके लिए बाकायदा संपर्क भी साध लिए गए हैं। बंद हो चुकी दुकानें भी तैयारी से खुल गई हैं। इसी के साथ ही अब माल और मलाई की भी पूरी व्यवस्था तैयार है

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