चित्रकूट में खोजे 20 से अधिक शिव मंदिर जिनका राम के वनवास काल से था संबंध
चित्रकूट में खोजे 20 से अधिक शिव मंदिर जिनका राम के वनवास काल से था संबंध
CACH की टीम ने चित्रकूट में खोजा प्राचीन शिव सर्किट , रिसर्च जारी
टीम के सदस्यों ने चित्रकूट में खोजे 20 से अधिक शिव मंदिर जिनका राम के वनवास काल से था संबंध
कैच ( चित्रकूट ए कल्चरल हेरिटेज ) के फ़ाउंडर अनुज हनुमत ने दी जानकारी
भगवान शिव को लेकर हिंदू धर्म में अनेकों मान्यताएँ हैं और किसी भी कष्ट में उन्हें सबसे पहले याद किया जाता है । वैसे तो अमूमन हर जगह भगवान शिव की पूजा होती है लेकिन चित्रकूट में भगवान शिव का प्रभावी रूप देखने को मिलता है । रामायण और रामचरितमानस में जो जो स्थान राम के वनगमन के दौरान चित्रकूट में लिखे गये हैं उन स्थलों में भगवान शिव का स्थान होना महज़ एक संयोग नहीं है । बल्कि यह प्रमाण है की चित्रकूट से भगवान शिव का रिश्ता बेहद अटूट है। अब सवाल ये उठता है की चित्रकूट में भगवान शिव के प्राचीन स्थानों से घिरे शिव सर्किट का आख़िर क्या रहस्य है ? भगवान राम द्वारा जिन स्थानों में शिव की पूजा की गई वहाँ से अब मौजूदा समय में लोगों का क्या लगाव और मान्यता है ? प्राचीन शिव मंदिरों से गुप्त काल , गुर्जर प्रतिहार वंश और चंदेलक़ालीन राजाओं से क्या संबंध था और भगवान शिव को पूजने के पीछे का सच क्या है ? कौन था वह पहला राजवंश जिसने भगवान राम के बाद इस शिव सर्किट की स्थापना की और कैसे ये सभी स्थान गुप्त रह गये ? इन सभी सवालो का जवाब खोजने में लगी है चित्रकूट ए कल्चरल हेरिटेज की टीम , इस टीम को लीड कर रहे हैं पुरात्वविद् और इतिहासप्रेमी कैच टीम के फ़ाउंडर अनुज हनुमत और इस टीम में इतिहास से जुड़े तथ्यों का संकलन कर रहे हैं इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र जुगेंद्र मिश्रा । पूरे सावन तक़रीबन दो महीने इस टीम ने चित्रकूट जनपद में प्राचीन शिव मंदिरों का निरीक्षण किया और एक ऐसे शिव सर्किट का पता लगाने में कामयाब हुए हैं जिसकी मदद से चित्रकूट के पर्यटन को बढ़ाया जा सकता है और इस कार्य से इतिहास के क्षेत्र में भी चित्रकूट को बहुत अधिक लाभ मिलेगा ! प्राचीन शिव मंदिरों से जुड़ी जानकारियाँ एकत्रित करने और शिव सर्किट का अन्वेषण करने में लगी चित्रकूट ए कल्चरल हेरीटेज की टीम ने यात्रा के अंतिम पड़ाव में सोमवार को जनपद के केंद्र में विराजित पूर्णकामी बाबा सोमनाथ (चर स्थित सोमनाथ) के जलाभिषेक भव्य श्रृंगार के साथ क्षेत्रीय स्तर पर प्राचीन शिवालयों में पूजा अर्चन का भाव जाग्रत करने व इन पौराणिक धरोहरों के संरक्षण सहित पर्यटन की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु ऐतिहासिक प्रयास किया गया । टीम के फ़ाउंडर अनुज हनुमत ने बताया कि इस यात्रा के दौरान बहुतायत संख्या में स्थानीय लोगों का सहयोग मिला व उन मंदिरों में भक्तों का पहुँचना हमारी मुहीम को सफल बनाता है। इसके साथ ही प्रशासन का अद्भुद सहयोग मिला ख़ासकर हमारे जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक का जिन्होंने उक्त प्राचीन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई जिससे भक्तों को सुविधाजनक तरीके से दर्शन पूजन करने का अवसर मिला। उन्होंने बताया कि इस अन्वेषण से चित्रकूट के पर्यटन को लाभ मिलेगा और सभी प्राचीन शिव स्थलों का विकास होगा । फ़िलहाल हमारी टीम का अन्वेषण कार्य लगभग पूरा हो गया है और पूरी रिपोर्ट जल्द ही ज़िलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री तक पहुँचाई जाएगी ।इस पूरे अभियान में ऐतिहासिक साक्ष्यों एवं स्रोतों के प्रमाणीकरण एवं चिन्हीकरण में प्रमुख रूप से वर्तमान उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक आई पी एस विजय कुमार व इतिहासकार डॉ देवी प्रसाद दुबे का मार्गदर्शन एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के विद्यार्थी जुगेंद्र मिश्रा व कैच टीम के सभी सदस्यों का सहयोग प्राप्त हुआ। टीम के अथक प्रयासों एवं कुशलता के दम पर पूरे अभियान में सफलता पाई गई। इस सफ़लतम अभियान के बाद चित्रकूट की पौराणिकता एवं प्राचीनता पर कई बड़े शोध एवं अनसुलझे रहस्यों से पर्दा उठाने व पिछड़े क्षेत्रों को पर्यटन की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास लगातार जारी रहेगा।