सरगुजा संभाग

आदिवासी इलाके में आय का एक महत्वपूर्ण जरिया है महुआ

फल, फूल, पत्ते, दवाई सभी में उपयोगी है महुआ

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मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर/ आदिवासी इलाके के लोगों के लिये महुआ का पेड़ अतिरिक्त आय का साधन है। यह एक ऐसा पेड़ है जिसके फल, पत्ती, फूल सब उपयोगी है। महुआ के पेड़ के फल को डोरी कहा जाता है।बरसात के आगमन से पूर्व जब महुआ का सीजन समाप्त हो जाता है तो कुछ दिन के बाद डोरी का फल प्रचुर मात्रा में फलने लगता है। डोरी के फल को चुनने के बाद ग्रामीण उसके बीज को निकालते हैं और धूप में सुखाते हैं। सूखे हुए बीज को उबालने के बाद उसका चूर्ण बना लेते हैं। उसके बाद इससे तेल निकालते हैं।

2-300x164 आदिवासी इलाके में आय का एक महत्वपूर्ण जरिया है महुआ

महुआ का पेड़ ही एक ऐसा पेड़ है जिससे फूल एवं फल के रूप में दो बार नकदी फसल मिलती है वहीं पेड़ की हर चीज लोगों के काम आती है। इसके पेड़ों के रख-रखाव या रोपण की आवश्यकता नहीं होती। पेड़ से गिरे बीजों से ही स्वतः किसानों के खेतों एवं जंगलों में इसके पौधे उगते हैं। इससे ग्रामीणों को बिना मेहनत के ही दो बार कीमती एवं नकदी फसल मिलती है। इन दिनों ग्रामीण डोरी को उत्साह से चुन रहे हैं। एक महीना पूर्व वे महुआ चुन के हजारों रुपए की कमाई कर चुके हैं। ग्रामीण भरी गर्मी होने के बावजूद परिवार सहित उत्साह से महुआ चुनते हैं वहीं लगभग एक महीने बाद इसी पेड़ से डोरी प्राप्त करते हैं जिसे ग्रामीण बिक्री कर स्कूली बच्चों की पढ़ाई एवं कृषि जैसे महत्वपूर्ण कार्य में आने वाले खर्च को आसानी से पूरा करते हैं। ग्रामीण इस दोहरी फसल देने वाले प्रति पेड़ से 4 से 8 हजार रुपए तक की कमाई कर लेते हैं। अनेक ग्रामीणों के खेतों में दर्जनों पेड़ होते हैं वहीं जंगल के पेड़ों से मजदूर वर्ग के लोग इसका लाभ प्राप्त करते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि अन्य फसलों के उत्पादन में मेहनत करने की तरह इसमें मेहनत करने की आवश्यकता नहीं होती। न तो निंदाई-गुड़ाई करना पड़ता है और न तोड़ने की आवश्यकता होती है। बल्कि परिपक्व होते ही पेड़ से अपने आप फल गिरने लगते हैं। जिसे ग्रामीण चुनकर घर लाते हैं। जहां महुआ को सुखाने एवं डोरी का छिलका निकालने के बाद बिक्री करते हैं।
उल्लेखनीय है की महुआ पेड़ से फूल के रूप में महुआ एवं फल के नाम से डोरी मिलती है। महुआ को ग्रामीण पकवान के रूप में प्रयोग करते हैं। कई ग्रामीण डोरी से तेल निकालते हैं। जिससे इनका साल भर के लिए घर में खर्च होने वाले तेल की पूर्ति हो जाती है। इतना ही नहीं इस पेड़ का हर अंग उपयोगी है। इसके पत्ते से जहां लोग दोना-पत्तल बनाते हैं वहीं इस पेड़ से इमारती लकड़ी भी प्राप्त करते हैं। आयुर्वेद में भी इसका खास महत्व है। खाज-खुजली सहित अनेक चर्म रोगों में भी इसके छिलके को पानी को इलाज के रूप में उपयोग करते हैं। महुआ पेड़ का दातुन निरंतर करने से दांत मजबूत होते हैं। इसके अन्य आयुर्वेदिक लाभ भी है।
लक्ष्मी सिंह ग्रामीण महिला बताती है कि डोरी को तोड़कर उसमें से दाल निकालते हैं। तेल को खाने में उपयोग करते हैं और पैसे की कमी होती है तो इसको बेचकर पैसे कमाते है। गरीबी में इसको बेच देते हैं। इसका बहुत उपयोग होता है। महुआ से भी पैसा बनाते हैं। महुआ पेड़ से में बहुत लाभ मिलता है।उर्मिला ग्रामीण महिला बताती है कि डोरी को धोते हैं फोड़ते हैं फिर तेल बनाते हैं जिसकी सब्जी बनाकर खाते हैं। हमारे लिये महुआ का पेड़ बहुत उपयोगी होता है।तेजवाती बताती हैं कि तेल खाते हैं। सब्जी में छौंकने का काम करते हैं तेल को लगते हैं। पुरीई बनाने के काम में भी लाते हैं।
रामराज बताते हैं कि महुआ गिरता है। भाई महुआ बिनकर लाकर सुखवाते हैं । उसके बाद बेचते देते हैं खाते पीते हैं और अपना कपड़ा लगता खरीदे फिर डोरी का सीजन आ जाता है डोरी से तेल निकलते हैं बाजार में बेचकर धान बीज खरीदते हैं कछु डोरी का तेल सब्जी बनाकर खाते हैं।विजय सिंह बताते हैं कि ग्रामीण एरिया है जनता जाते हैं डोरी,सरई, बीन के लाते हैं अपने लड़के बच्चों का पालन पोषण करते हैं। स्कूल की जो फीस होती है उसे भी पटाते हैं। उनका खर्चा पानी चलता है। डोरी विंनकर ये ही सब अपने गांव देहात के लोग डोरी का तेल से खाने का व्यवस्था बनाते हैं।
वन परिक्षेत्राधिकारी के द्वारा बताया गया कि ग्रामीणों के लिये बहुत कम की चीज है महुआ दो फसली पेंड़ है इसके फूल से भी ग्रामीण लाभ लेते है इससे इनको राजस्व मिलता है इसके बाद दूसरी फसल डोरी की लेते हैं। इसको फोड़ कर इसके अंदर के बीज से तेल निकाला जाता है इसको ग्रामीण कई उपयोग में लेते हैं। इसके तेल का आयुर्वेदिक उपयोग भी है दाद खाज खुजली के उपयोग में आता है।उन्होंने आगे बताया कि वनमंडलाधिकारी मनीष कश्यप के मार्गदर्शन में मेहदौली,बेलगांव मे किसानों को 5-5 पौधे दिये जाएंगे इसका रखर खाव वन विभाग करेगा। टी-गार्ड भी दिया जायेगा। इससे किसान को लाभ मिलेगा

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