प्रेम संबंधों के चलते युवक की हत्या करने के मामले में दो हत्यारोपियों को उम्रकैद
प्रेम संबंधों के चलते युवक की हत्या करने के मामले में दो हत्यारोपियों को उम्रकैद
*प्रेम संबंधों के चलते युवक की हत्या करने के मामले में दो हत्यारोपियों को उम्रकैद*
*जिला जज विष्णु कुमार शर्मा ने सुनाया निर्णय*
चित्रकूट: परिवार की लड़की के साथ प्रेम संबंधों से नाराज होकर प्रेमी युवक की हत्या करने और साक्ष्य मिटाने के मामले में दोष सिद्ध होने पर जिला जज विष्णु कुमार शर्मा ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक को 12 हजार अर्थदण्ड से दण्डित किया है। जिला शासकीय अधिवक्ता श्याम सुंदर मिश्रा ने बताया कि बीती 31 अक्टूबर 2016 को ठीका पुरवा सरहट निवासी राजा कोल पुत्र गजराज ने मानिकपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस को दी गई तहरीर में राजा ने बताया था कि उसका इकलौता बेटा लवलेश गांव के ही के भागीरथ उर्फ कालू बच्चा पुत्र बुधराज के साथ दीपावली का सामान खरीदने के लिए बीती 30 अक्टूबर 2016 को शाम चार बजे मोटरसाइकिल से गया था। इसके बाद वह रात में नहीं लौटा और दूसरे दिन उसके साथ गए भागीरथी ने बताया कि मानिकपुर में अस्पताल के पास लवलेश की बाइक खड़ी है। परिवार के लोगों द्वारा खोजने पर खिचरी गांव के शहनी तालाब की पुलिया के पास पानी में लवलेश का शव पड़ा हुआ मिला। साथ ही मोटरसाइकिल का कुछ टूटा हुवा सामान और मिट्टी में मोटरसाइकिल के टायर के निशान मिले थे। मृतक के पिता के अनुसार लवलेश के प्रेम संबंध टिकुरा गांव की एक लड़की से थे। इससे नाराज होकर लड़की वालों ने लवलेश को पहले भी एक बार मारा था। वादी ने संदेह के आधार पर भागीरथी कोल के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस की पूंछताछ में खुलासा हुआ था कि इस हत्या में भागीरथी के साथ राजाबाबू रावत भी शामिल था और पुलिस ने उसे भी जेल भेजा था। साथ ही दोनो आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। इकलौते बेटे की हत्या से टूट चुके वादी मुकदमा राजा कोल ने इस मामले में न्यायालय में आकर गवाही दी थी और उसके बाद उसकी भी मौत हो गई थी।बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद शुक्रवार को जिला जज विष्णु कुमार शर्मा ने निर्णय सुनाया। जिसमें दोष सिद्ध होने पर हत्यारोपियों भागीरथी और राजाबाबू रावत को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। साथ ही दोनो को 12-12 हजार रूपए अर्थदण्ड से दंडित किया गया।