उत्तराखंड

कोरिया वनमंडल : लापरवाह और भ्रष्टतंत्र के भेंट चढ़े संरक्षित वन्य प्राणी पहले बाघ फिर तेंदुआ

सम्यक क्रांति ने सबसे पहले समाचार का किया था प्रकाशन प्रशासन आया हरकत में

[responsivevoice_button voice="Hindi Male"]
Listen to this article

 

एस. के ‘रूप’

कोरिया/ कोरिया वन मंडल में हाल ही में विषेश संरक्षित वन्य प्राणी राष्ट्रीय पशुबाघ के मौत का मामला सामने आया जिस पर विभाग द्वारा उच्च अधिकारियों के संरक्षण के साथ ही बड़े तरीके से निचले स्तर के कुछ अधिकारियों पर गाज गिराकर मामले को रफा दफा कर दिया गया लेकिन इसी समय एक और घटना सामने आई जो है तेंदुआ के मौत की। विलुप्त प्रजाति के कगार में यह संरक्षित वन्य जीव जो केवल भारतवर्ष में ही कुछ मात्रा में है उसमें भी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को यह गौरव प्राप्त है की कुछ बाघ,तेंदुआ हमारे अभ्यारण्यों और जंगलों की शोभा बढ़ा रहे हैं और इन संरक्षित वन्य प्राणियों के संरक्षण हेतु टाइगर रिजर्व अभयारण्यों की स्थापना की गई है इन अभयारण्यों को करोड़ों के फंड वन्य पशुओं के संरक्षण संवर्धन हेतु दिए जाते हैं चाहे वह पार्क परिक्षेत्र हो चाहे वह रेंज लेकिन यहां पदस्थ निचले स्तर के कर्मचारी से लेकर उच्च स्तर के अधिकारियों तक सभी केवल और केवल वन संसाधन के रक्षक नहीं अपितु भक्षक बनकर अपना झोली भरने में और खुद के विकास में ही लगे होते हैं। कुछ अधिकारियों ने इतनी आर्थिक उन्नति कर ली है जिनकी चर्चा आमतौर पर लोगों के जुबान पर होती ही रहती है इन वन्य अधिकारियों की शिकायत करने पर भी इन पर उचित कार्यवाही का ना होना अधिकारियों और उच्च अधिकारियों की मिलीभगत को तो दर्शाता ही है और इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है वन्य प्राणियों को वन भूमि में निवासरत ग्रामवासियों को और इसके साथ-साथ वन्य संसाधन को।

IMG-20241117-WA0008-214x300 कोरिया वनमंडल : लापरवाह और भ्रष्टतंत्र के भेंट चढ़े संरक्षित वन्य प्राणी पहले बाघ फिर तेंदुआ

विदित हो कि जिस स्थान पर बाघ की मृत्यु हुई थी इस स्थान के ही पास तेंदुए की भी मौत हुई है । वह था खनकोपर कटवार यह है टामा पहाड़ देवसील पार्क परिक्षेत्र कमर्जी और वन अमला मूक दर्शक। लापरवाह साथ ही भ्रष्ट तंत्र का जाल साबित हो रहा है। बाघ के मामले में लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैया साथ ही प्रेस रिलीज और अब तेंदुए के मामले में भी। बाघ के मामले में जहर खुरानी की शंका जाहिर की थी तेंदुए के मौत में संभावित कारणों की केवल विवेचना चल रही है।
आपको बता दें तेंदुए के मौत के संबंध में सम्यक क्रांति ने सर्वप्रथम समाचार का प्रकाशन किया और अमला हरकत में आया था।

पढ़िए विभाग की प्रेस विज्ञप्ति
दिनांक 15.11.2024 को क्षेत्रीय कर्मचारियों की गश्ती के दौरान बीट टामापहाड़, सर्किल देवसील, पार्क परिक्षेत्र कमर्जी अंतर्गत एक तेंदुआ (Leopard) की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई। घटना की पुष्टि उपरान्त क्षेत्रीय कर्मचारियों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को देर रात घटना की सूचना दी गई। उक्त घटना स्थल दुर्गम पहाड़ी, संचार साधन (नेटवर्क) विहीन क्षेत्र में स्थित है।

दिनांक 16.11.2024 को वन संरक्षक (वन्यप्राणी) सरगुजा वन वृत्त, अम्बिकापुर, संचालक गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, पशु चिकित्सकों की टीम, गोमर्डा अभ्यारण्य के डॉग स्क्वायड टीम एवं क्षेत्रीय कर्मचारी घटना स्थल पर पहुंचे। क्षेत्रीय कर्मचारियों एवं गोमर्डा अभ्यारण्य के डॉग स्क्वायड टीम द्वारा घटना स्थल के आस-पास के क्षेत्र में पतासाजी किया गया। स्थल निरीक्षण उपरान्त विभागीय अधिकारी / कर्मचारी, ग्रामीणों की उपस्थिति में तीन सदस्यीय पशु चिकित्सक दल के द्वारा शव विच्छेदन (Post-Mortem) किया गया। पशु चिकित्सकीय टीम के परीक्षण के दौरान मृत तेंदुए के Skin, नाखून, दांत एवं सभी अंग सुरक्षित पाये गये। मृत तेंदुए के आवश्यक Sample को प्रयोगशाला परीक्षण हेतु प्रीजर्व किया गया। शव विच्छेदन (Post-Mortem) उपरान्त नियमानुसार शव का दाह संस्कार किया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए डॉग स्क्वायड टीम, स्ट्राईक फोर्स, क्षेत्रीय कर्मचारियों के संयुक्त टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही की जा रही है।

Detailed Post-Mortem Report उपरान्त ही मृत्यु के संभावित कारणों के विषय में जानकारी प्राप्त होगी। तेंदुए (Leopard) के मृत्यु की सभी संभावित कारणों की विवेचना की जा रही है।

Back to top button
error: Content is protected !!