दिल्ली

कर्नाटक में सूखा के मुद्दे के समाधान के लिए निर्वाचन आयोग ने मंजूरी दी: केंद्र ने न्यायालय से कहा

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नई दिल्ली/ केंद्र ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि निर्वाचन आयोग ने उसे सूखा प्रबंधन के लिए वित्तीय सहायता के संबंध में कर्नाटक द्वारा उठाये गए मुद्दों का समाधान करने की खातिर मंजूरी दे दी है।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ सूखा प्रबंधन के लिए राज्य को राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (एनडीआरएफ) से वित्तीय सहायता जारी करने का निर्देश देने संबंधी कर्नाटक सरकार की एक याचिका पर सुनवाई कर रही है।

केंद्र की ओर से न्यायालय में पेश हुए अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने कहा, ”निर्वाचन आयोग ने सरकार को इस मुद्दे का समाधान करने की मंजूरी दे दी है। मुझे लगता है कि इसे तेजी से किया जाना चाहिए।”पीठ ने विषय को स्थगित करते हुए कहा, ”इसे सौहार्दपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए…हमारा एक संघीय ढांचा है।”शीर्ष अदालत ने आठ अप्रैल को याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि केंद्र और राज्य के बीच विवाद नहीं होने दें।केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता और अटार्नी जनरल वेंकटरमणि ने पीठ से कहा कि वे इस विषय पर निर्देश लेंगे याचिका में, यह घोषित करने का भी अनुरोध किया गया है कि एनडीआरएफ के अनुरूप सूखा प्रबंधन के लिए वित्तीय सहायता नहीं जारी करना संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत राज्य के लोगों को प्रदत्त मूल अधिकारों का हनन है।

इसमें कहा गया है कि राज्य सूखे की गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है जिससे इसके लोग और खरीफ सत्र 2023 प्रभावित हुआ है। 236 में से 223 तालुका को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है।याचिका में कहा गया है कि 196 तालुका को सूखे से गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्र की श्रेणी में रखा गया है।

अधिवक्ता डी एल चिदनंदा के मार्फत दायर याचिका में कहा गया है कि खरीफ 2023 सत्र के दौरान 48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुंचा, जिससे 35,162 रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है।

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इसमें कहा गया है कि एनडीआरएफ के तहत केंद्र से 18,171.44 करोड़ रुपये की सहायता मांगी गई है।

 

 

 

 

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