वनांचल में भ्रष्टाचार की मार झेल रहा डौकीझिरिया व्यपवर्तन योजना और परेशान ग्रामीण, करोड़ों की लागत से बना बांध और मुख्य नहर ही फूटा
अधिकारी का गैर जिम्मेदाराना बयान : 10 साल तक टूटते रहे ठेकेदार बनवाता रहेगा : एसडीओ जल
ये गलत है,दोषियों पर कार्यवाही होगी : विधायक।
ठेकेदार : हमारा 10 साल का बॉन्ड है। हम बनवाते रहेंगे। क्या यही है व्यवस्था?
सतीश मिश्रा
जनकपुर/ डौकी झिरिया व्यपवर्तन योजना में करोड़ रुपये की लागत से बने बांध की मुख्य नहर ही टूट गयी है। जलसंसाधन विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से निर्मित डौकी झिरिया में बांध का निर्माण कराया गया था जिससे ग्रामीणों को सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी मिले जिससे किसान अपनी खेती कर उससे धन उपार्जन कर सके लेकिन जल संसाधन विभाग के अधिकारी एवं ठेकेदार की मिली भगत से यह करोड़ों रुपए की लागत से बने बांध की मुख्य नहर बरसात की मार नहीं झेल सकी और धराशाई हो गई।
मिली जानकारी के अनुसार एम. सी.बी.जिले के दूरस्थ वनांचल विकासखण्ड भरतपुर के ग्रामपंचायत चुटकी के डौकी झिरिया में बने बांध की नहर बरसात में बह गई ग्रामीणों और सूत्रों की माने तो इसमे गुणवत्ता विहीन कार्य एवम विभागीय अधिकारियों की सांठ गांठ से अपनी जेब गर्म किया गया है
ग्रामीणों के अनुसार बांध लगभग 2-3साल पहले निर्माण कराया गया था जिसका लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है और अब तो नहर ही इतनी कमजोर और गुणवत्ताहीन बनी की बरसात मे ही ढह गई,सवाल तो तब उठता है शासन के द्वारा करोड़ो रूपये लगाकर किसानों को सिंचाई के लिये बांध और नहर बनवाया जाता है जिससे किसानों को सिंचाई के लिये आसानी से पानी पर्याप्त मिल जाय लेकिन जल संसाधन विभाग एवं ठेकेदार की मिली भगत से इस निर्माण कार्य को घटिया बिना मानक के निर्माण कार्य कराया गया जिसके कारण मुख्य नहर टूट गई है जो बांध से लगभग 10 मीटर की दूरी में होगी।
आइये जानते हैं क्या कहते हैं ग्रामीण:–
स्थानीय ग्रामीणों ने विभाग एवम ठेकदार पर आरोप लगाते हुए कहा
इस संबंध में ग्रामीण गणेश ने कहा मैं इस गांव का रहने वाला हूं ग्राम चुटकी में स्टाप डैम बनाया गया है गरीबो के लिये हम किसानों के लिये जो स्टाप डैम बनाया गया है वह अभी 2,3साल भर नहीं हुआ डैम से लगभग 10 मीटर की दूरी में ही नहर ढह गयी हैऔर अभी ढहते ही चला जा रहा है हमलोग को न गर्मी न बरसात में पानी नहीं मिला है न कोई फायदा हुआ है ऐसे में अंदाज लगाया जा सकता है जीतने भी अधिकारी हैं इनकी मिली भगत से अपने जेब को भरने की कोशिश की गई है और जो गरीब किसानों के लिये बनाया गया है उनके सांथ सरासर नाइंसाफी है गरीब किसानों को परेसान किया जारहा है और इनके साथ नाइंसाफि की जारही है और अधिकारी अपनी जेब भर रहे हैं।
इसी तरह ग्रामीण ललित कुमार बैगा ने बताया सुखा समय में स्टाप डैम ठीक रहा और पहले पानी धीरे धीरे गिर रहाथा तो ठीक रहा और जब पानी तेज गिरा और बेहड़ा थरहे और रोपा लगाने की तैयारी किया जब पहले पानी आया और पहिले पनी में बह गया और अभी बह रहा है जब पूछा गया कि किसानों को फायदा मिल रहा तो उनके द्वारा बताया गया चुटकी तरफ उधर पहले थोड़ा बहुत मिल रहा तब अब तो नहर ही फूट गया तो कैसे मिलेगा?
ग्रामीण रामेस्वर बैगा ने बताया कि खेती किसानी के लिये पानी नही मिल पा रहा था जिस तरफ सुविधा है उधर थोड़ा बहुत मिल रहा था कि यह नहर पहली बारिश में ही बह गया।
ग्रामीण लक्षमन ने बताया डौकिझिरिया नाला का बांध जो पिछले साल बंधा है उससे कोई लाभ नहीं है जब पानी चालू हुआ तो फुट गया क्रैक हो गयाअभी चालू नहीं हुआ है।
इसी तरह ग्रामीण सुंदर लाल मिश्रा ने बताया की डौकिझिरिया का बांध अभी कम्प्लीट हुए हुआ इससे कोई फायदा नहीं हुआ इसके भरोसे जो खेती किया उसका फसल सब सुख रहा है पहिले असाढ़ में फूट गया बह गया धरासाई हो गया एक जगह बांधते हैं तो दूसरी जगह से फुट जाता है जहा कच्ची है वहा सुरु में ही टूट गया और जहा पक्की है वह अभी टूट गया आज तक कोई सुविधा नहीं मिला एक बार किसी की तरह बांधकर पानी पहुंचाने की कोशिश किया लेकिन फिर सुबह टूट गया आज तक कोई लाभ नहीं मिला शासन को अगर शुल्क लगाना है लगाए हम देंगे लेकिन न शासन शुल्क लगा रही और न कोई लाभ मिल रहा है।
जब इस बांध के सम्बंध में विधायक भरतपुर सोनहत रेणुका सिंह से बात की गई उन्होंने कहा कि ये गलत है इसमें भस्टाचार किया गया है इसकी जांच की जाएगी।
जब हमारी बात सम्बन्धित ठेकेदार विनीत सिंह से हुई और नहर के बारे में पूंछा गया तो उनके द्वारा बताया गया कि पानी ज्यादा आ गया हमारा 10 साल का बांड है हम फिर बनवायेंगें। जो उनके गैर जिम्मेदाराना रवैए को दिखा रहा है। आप बनाते रहो बॉन्ड करते रहो और ग्रामीणों का क्या होगा तोड़ जोड़ के चक्कर में वे कैसे कृषि कार्य करेंगे।यह बयान ठेकेदार और अधिकारी के मिलीभगत को भी उजागर करता है।
अब देखना होगा कि इस तरह के भ्रष्टाचार बंदरबाट करने वाले विभागीय अधिकारी एवम ठेकेदार के ऊपर क्या कोई कार्यवाही की जाती है ? संबंधित दोषी तो जनहित में निलंबित होने चाहिए ताकि दुबारा ऐसा भ्रष्ट कार्य जंगल में ना हो और अगले को भी शिक्षा मिले।
जलसंसाधन के अनुविभागीय अधिकारी आर.एस.गुप्ता से डौकीझिरिया बांध के मुख्य नहर फूटने के सम्बंध में पूछने पर बोला गया कि शासन की बहुत अच्छी योजना है 10 साल तक ठेकेदार द्वारा टूटने फूटने में फिर बनवाया जायेगा इसका मतलब तो साफ समझा जा सकता है की साहब की मौन स्वीकृति है कि टूटते फूटते रहे और ठेकेदार बनवाते रहेगा किसानों को पानी मिले य न मिले साहब को इससे कोई मतलब नहीं है अपनी जेब भरने से मतलब है।