देश -विदेश

केंद्र ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित किया

[responsivevoice_button voice="Hindi Male"]
Listen to this article

नई दिल्ली / केंद्र सरकार ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है, ताकि आपातकाल की याद दिलाई जा सके। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह घोषणा करते हुए कहा कि यह दिन देशवासियों को उस अंधकारमय अध्याय की याद दिलाने के लिए मनाया जाएगा, जब 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल घोषित किया था।

आपातकाल की पृष्ठभूमि
25 जून 1975 को आपातकाल लागू किया गया था, जो 21 महीने तक चला। इस दौरान मौलिक अधिकारों का हनन, प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध और विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी जैसे घटनाएं घटीं। अमित शाह ने कहा कि यह दिन लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा।

संविधान हत्या दिवस का मुख्य उद्देश्य जनता को उस समय की घटनाओं से अवगत कराना है, जब देश में लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन हुआ था। इस दिन को मनाकर सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि आने वाली पीढ़ियाँ इतिहास के इस काले अध्याय को कभी न भूलें और संविधान की रक्षा के प्रति सचेत रहें।

अमित शाह का बयान
अमित शाह ने कहा, “आपातकाल के दौरान देश ने लोकतंत्र का सबसे काला दौर देखा। यह दिन हमें उस समय की याद दिलाता है जब व्यक्तिगत स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों का हनन हुआ था। संविधान हत्या दिवस हमें संविधान की रक्षा के प्रति हमारी जिम्मेदारी को याद दिलाता है।”

विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों ने इस घोषणा पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि सरकार इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है और इसे वर्तमान राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है। हालांकि, सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि यह निर्णय पूरी तरह से ऐतिहासिक तथ्यों और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।

  •  केंद्र ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित किया

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!