कोरिया

दो महीने पहले बने सभी पुलों में फटी बड़ी बड़ी दरारें,वर्षा ऋतु में कैसे टिकेगा…. ग्रामीणों ने जताई ढह जाने की आशंका

कोरिया वनमण्डल का भारी भ्रष्ट कारनामा, भ्रष्टाचारियों को किसका संरक्षण

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सरिया,सीमेंट, मसाला, गिट्टी सभी का अमानक प्रयोग

मजदूरी का नही हुआ भुगतान, मजदूरों के हक में डाका

जंगल के पत्थरों को जमा दिया,पत्थर तोड़ने वाले ग्रामीण रुपयों से वंचित

कौन है यह वन कर्मी राकेश पांडेय जिनका नाम बार बार ले रहे थे ग्रामीण

ग्राम सरईगहना, रोबो,चिल्का,पीपरढाब, के सहित आसपास वन विभाग ने बनाया है अमानक 10 पुल

ऐसा हुआ है तो जांच की जाएगी: पीसीसीएफ

 

एस. के ‘रूप’

बैकुंठपुर–कोरिया/ वन है तो हम हैं, वन है तो जीवन है, वन है तो भविष्य है और वन विभाग ही अपने इन सूत्र वाक्य पर कायम न हो तो कैसा भविष्य और कैसा जीवन जिले व संभाग स्तर पर वन अधिकारी व कर्मचारीगण योजनाओं का बंदर बाट,राशियों का गबन, निर्माण कार्यों में धांधली, घटिया गुणवत्ता विहीन निर्माण,लंबित मजदूरी भुगतान, कैंपा,रेगुलर विभागीय मद का दुरुपयोग व धनार्जन की होड़, आकाओं की सेवकाई में लगे रहेंगे तब ऐसी परिस्थिति में।

5-4-300x277 दो महीने पहले बने सभी पुलों में फटी बड़ी बड़ी दरारें,वर्षा ऋतु में कैसे टिकेगा.... ग्रामीणों ने जताई ढह जाने की आशंका

वनाश्रितों का क्या होगा। उनका जीवन तो विनष्ट ही समझो जबकि छत्तीसगढ़ प्रदेश में नवीन आदिवासी वर्ग से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रमुख मंत्री केदार कश्यप हैं जो संवेदनशील भी हैं लेकिन दुर्भाग्य यह है कि आम आदमी की फरियाद वहीं वनांचलों में जंगल राज फैलाए वन कर्मियों तक ही सीमित रह जाती है और उन्हें उनका हक नहीं मिल पाता।

  •  दो महीने पहले बने सभी पुलों में फटी बड़ी बड़ी दरारें,वर्षा ऋतु में कैसे टिकेगा.... ग्रामीणों ने जताई ढह जाने की आशंका

कोरिया वन मंडल द्वारा निर्मित सभी पुल में फटी बड़ी-बड़ी दरें वर्षा के पहले ही पुल जर्जर

c-300x243 दो महीने पहले बने सभी पुलों में फटी बड़ी बड़ी दरारें,वर्षा ऋतु में कैसे टिकेगा.... ग्रामीणों ने जताई ढह जाने की आशंका

जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से महज 10 किलोमीटर के परिधि में बसे ग्राम पंचायत सरई गहना, चिल्का, रोबो,पीपरढाब आदि जगहों पर वन विभाग के द्वारा वित्तीय वर्ष 2023– 24 में पुलिया निर्माण कार्य कराया गया है उक्त पुलिया को मार्च अप्रैल के महीने में पूर्ण घोषित कर दिया गया इस पूरे क्षेत्र में विभाग के द्वारा दर्जनों पुल बनाए गए हैं और किसी किसी की तो ढलाई सेटिंग तक नहीं खुली लेकिन वर्षा के पूर्व ही लगभग सभी पुल में बड़ी-बड़ी दरारें फट गई हैं और कई जर्जर है पुलों की सुरक्षा का भी कोई इंतजाम नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि उक्त पुल को बनाने में भारी धांधली की गई है यह नहीं टिकेगा और इसका सीधा नुकसान तो हम ग्रामीणों का होगा।

आठ दस के पतले सरिया से कर दी गई ढलाई :

सम्यक क्रांति व जनहित संघ पण्डो विकास समिति द्वारा संयुक्त स्थल निरीक्षण किया गया था तब ग्रामीणों ने सीधे तौर पर बताया था कि सभी पुल में 8 और 10 के सरिया से ढलाई कर दिया गया है और इस संबंध में जब वन विभाग के अधिकारी से संपर्क किया गया था तब उन्होंने कहा था कि हमारे एस्टीमेट में आठ है ही नहीं ढलाई 12– 10 की ही है अब सवाल यह उठता है कि 12 और 10 की जब ढलाई हुई है तो क्या ग्रामीण झूठ बोल रहे हैं या उन्हें जानकारी नहीं है फिर हमने श्रम स्थल का निरीक्षण भी किया जहां 12 एमएम का सरिया दिखा ही नहीं किसी भी पुल के निर्माण में सबसे प्रमुख कार्य है ढांचा का बढ़िया होना लेकिन जब वही कमजोर हो तो 2 महीने में दरारो का फटना स्वाभाविक है।

सीमेंट तक मानक स्तर का नहीं हुआ प्रयोग:

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वन विभाग द्वारा बनाए गए सभी पुल में सीमेंट के मानक स्तर का प्रयोग हुआ ही नहीं है ग्रामीणों और मजदूरों के अनुसार आठ और 10 एक के कांबिनेशन में पूरी ढलाई कर दी गई है ढलाई के बाद पुल की देखरेख भी नहीं की गई ना ही पुल को टिकने के लिए कोई व्यवस्था की गई अथवा पकड़ मजबूत करने हेतु तराई।

मजदूरी का नहीं हुआ भुगतान मजदूरों के हक में डाका:

ग्राम पंचायत सरई गहना और आसपास लगभग 10 नग पुल का निर्माण हुआ है वन विभाग के द्वारा उक्त कार्य कराया गया जिसे 2 महीना पूर्व बिना किसी कार्य संबंधी बोर्ड के लगे ही पूर्ण कर दिया गया जिसमें राष्ट्रपति के दत्तक जनजाति पण्डो गोंड आदिवासियों ने मजदूरी किया और उनकी मजदूरी का भुगतान तक नहीं किया गया है कुछ को दिया भी गया है तो उनके हक में डाका डाला गया है निर्धारित शासकीय दर से कम दिया गया है एक ग्रामीण ने बताया कि ₹250 देने बोले थे और ₹200 ही दिया गया है कुछ ग्रामीणों का कहना था कि हमें तो वह भी नहीं प्राप्त हुआ जबकि शासन का मजदूरी दर 300 से ऊपर है अब यदि प्रशासन पूरी भुगतान कर रहा है तो क्या बिचौली कर्मचारीगण मजदूरों के हक में डाका डाल रहे हैं और रुपए गड़प कर रहे हैं अधिकारी संदेह के घेरे में है।

जंगल के पत्थरों का उपयोग गिट्टी तोड़ने का रुपया नहीं मिला:

सम्यक क्रांति को ग्रामीण वंश लाल उरांव आ0 समय लाल उरांव ने बताया कि उसके द्वारा पुल निर्माण कार्य में मजदूरी तो किया ही गया था साथ ही कई ट्रैक्टर जंगल के पत्थरों को तोड़कर गिट्टी दिया जिसका पैसा देने बोलकर भी आज तक नहीं मिला है वन विभाग के निर्माण कार्य ने वन संसाधन का दुरुपयोग का काम हुआ है सड़क में बॉर्डर डाल मिट्टी बढ़ा दी गई है मानक स्तर के 40-20 एमएम की गिट्टी का प्रयोग ना के बराबर करके राशि को गड़प कर लिया गया है ।
(अगले अंक में : मजदूरी भुगतान के लिए भटक रही गरीब किशोरी सुखमनिया पण्डो कोयली का दर्द)

कौन है राकेश पांडे? जिसका नाम बराबर ले रहे है ग्रामीण अवैध कार्य में इन्हें किसका संरक्षण प्राप्त?

‘राकेश पांडे काम कराइस हे।राकेश पांडे ल फोन करे रहीं मजदूरी बर तो नई उठाईस।राकेश पांडे सुनबे नई करे।
सीमेंट तक पार करिस है, गिट्टी का पईसा नहीं दिहिस मजदूरी ल लटकाए है’

यह कहना है क्षेत्र के मजदूरों का उनके जुबान में वन कर्मी राकेश पांडे का नाम बराबर आ रहा है चाहे वह घटिया निर्माण हो या मजदूरी भुगतान या तोड़े गए गिट्टी का पैसा या कम बांटा गया मजदूरी सभी एक स्वर में राकेश पांडे का ही नाम ले रहे थे जानकारी मिली है कि उक्त व्यक्ति के कहने पर ही ग्रामीणों ने पुल निर्माण कार्य में अपना मजदूरी किया जो वन विभाग के बीट गार्ड के पद पर है एक निचले स्तर के कर्मचारी द्वारा आदिवासी मजदूरों का हक मारने का इतना साहस? इसके साथ ही निर्माण कार्य में भारी धांधली करना इतना घटिया निर्माण की वर्षा से पहले बड़ी-बड़ी दरारें फट जाए और सड़क बह जाए यह बिना संबंधित बड़े व्यक्तित्व के संरक्षण के बिना कहां संभव है या तो कमीशन खोरी का खेल लंबा है या तो वन मंडल कोरिया किसी ऐसे वरद हस्त के अधीन चल रहा है जिस पर कोई अंकुश नहीं है और वह खुद को वन मंडल का सिरमौर समझ बैठा है जो जनता के हितों की रक्षा की जगह अन्य स्वार्थपूर्ति में लगा हुआ है इस पर भी जल्द ही सम्यक क्रांति अपना विषेष रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।

डीएफओ प्रभाकर खलखो को नहीं जनता से कोई सरोकार

इस संबंध में वन मंडल के प्रमुख डीएफओ प्रभाकर खलखो से संपर्क स्थापित करने की कोशिश की गई लेकिन जैसा कि पहले से जग जाहिर है डीएफओ मैडम मीडिया से दूरी बनाए रखती हैं उन्हें अपने अधीनस्थों की कालाबाजारी नहीं दिखती और ऐसा लगता है की मौन स्वीकृति दे चुकी है तभी जनहित से जुड़े मुद्दे पर फोन करने व व्हाट्सएप में मैसेज करने पर भी उन्होंने कोई जवाब देना उचित नहीं समझा जो दर्शा रहा है कि डीएफओ मैडम संवेदना रहित हैं जो ग्रामीणों के हितबद्ध कोई बात नहीं करना चाहती (आगे : सम्यक क्रांति में एक डीएफओ के स्थानांतरण की कहानी के साथ अन्य डीएफओ के राज में वंचित पीड़ित आदिवासी व राष्ट्रपति के दत्तकों पर विशेष रिपोर्ट)

ऐसा हुआ है तो जांच की जाएगी: वी. श्रीनिवास राव आईएफएस
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख

इस संबंध में सम्यक क्रांति ने प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एवं वन बल प्रमुख वी श्रीनिवास राव आईएफएस को सूचित किया।मजदूरी भुगतान घटिया निर्माण को लेकर उन्होंने कहा कि उक्त मामले की जांच कराई जाएगी।

ग्रामीणों ने जनहित संघ पण्डो विकास समिति से लगाई न्याय की गुहार

विगत 45 वर्षों से शोषित पीड़ित दलित वर्ग के उत्थान हेतु कार्यरत राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र जनजाति पंडो के समग्र विकास को प्रेरित हर वर्ग के लोगो को मनुष्यता के सूत्र में पिरोता जनहित संघ पण्डो विक्स समिति को विगत दिनों ग्रामवासियों ने उक्त समस्या के निदान हेतु कहा है।

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समिति ने निर्णय लिया है जल्द मजदूरी भुगतान और पुलिया व सड़क का सही कार्य नहीं हुआ तो जन्नादोलन होगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

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