सरगुजा संभाग

जंगली हाथी के विचरण से ग्रामीणों में दहशत का माहौल

अभी तक जानमाल का कोई नुकसान नही

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मनेन्द्रगढ़/ मनेन्द्रगढ़ वनमण्डल के अंतर्गत आने वाले वनपरिक्षेत्र जनकपुर में मध्यप्रदेश की ओर से हाथी विचरण करते हुए जनकपुर के मवई नदी किनारे पहुचा। जंगली दंतैल हाथी को विचरण करते देख ग्रामीणों में दहशत का माहौल बन गया। वन विभाग को हाथी के आगमन की जानकारी मिलते ही वन विभाग ने हाथी पर नजर बनाकर रखी है। ग्रामीण क्षेत्रो में वनपरिक्षेत्र अधिकारी के निर्देश पर माइक एलाउंसमेंट (मुनादी) कराकर लोगों को सचेत किया जा रहा है।

3-5-300x220 जंगली हाथी के विचरण से ग्रामीणों में दहशत का माहौल
वनांचल क्षेत्र और पार्क क्षेत्र की वजह से मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा जंगलों से लगा हुआ है। यहां आए दिन वन्य प्राणी शेर,भालू हाथी का विचरण लगा रहता है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में भी हाथी विचरण करते हुए आ जाते हैं जिससे कभी कभार इसका खामयाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है।
जिले के भरतपुर विकासखण्ड के जंगलो में एक जंगली हाथी मध्यप्रदेश की ओर से सुबह लगभग 4:00 बजे विचरण करते हुए भरतपुर के ग्राम बड़वाही में देखा गया। हाथी ने एक ग्रामीण गोविंद आत्मज कोदु के घर के पास लकड़ी के गड़े हुए चार खंबे को उखाड़ कर फेंक दिया और कटहल के पेड़ से फल को तोड़ा दिया है। जंगली हाथी के द्वारा अभी तक किसी भी प्रकार से जनहानि नहीं की गई है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है की हाथी विचरण करते हुए फिर से वापस मध्यप्रदेश की ओर चला गया लेकिन अभी तक गांव में दहशत बना हुआ है। जंगली हाथी को लेकर वन विभाग लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी कर रही है।
हाथी की आमद को लेकर वनपरिक्षेत्र अधिकारी चरणकेश्वर सिंह के द्वारा बताया गया आज पता चला है कि सुबह के 4:00 बजे हाथी जंगल घूमते हुए ग्राम बड़वाही में पहुंचा था फिर से एक-दो घंटे बाद वापस एमपी की ओर चला गया गांव में गोविंद आत्माज को कोदू बैगा बड़वाही का इसका लकड़ी का खुदा को चार नग हाथी ने उखाड़ दिया है और एक नाक कटहल पेड़ का फल को तोड़ा है इसके अलावा किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है गांव में जब भी कोई वन प्राणी आता है हाथी भालू या अन्य तो जिसको माइक लगाकर गांव वालों को सूचना देते हैं कि किसी प्रकार का जनहानि ना हो पाए और कुछ कहा भी नहीं जा सकता हाथी तो है और साथ में एमपी बॉर्डर भी यहां से लगा हुआ है कभी इधर आ जाते हैं कभी उधर चले जाते हैं लेकिन हम हमेशा सचेत्र रहते हैं।

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