नौकरी छोड़ चुनावी मैदान में इंट्री के बाद कोमर्रा के समर्थन में लगातार जुड़ रहे गांव-गांव से लोग
नौकरी छोड़ चुनावी मैदान में इंट्री के बाद कोमर्रा के समर्थन में लगातार जुड़ रहे गांव-गांव से लोग
*नौकरी छोड़ चुनावी मैदान में इंट्री के बाद कोमर्रा के समर्थन में लगातार जुड़ रहे गांव-गांव से लोग*
*भाजपा समर्पित लोगों को पार्टी में प्रवेश कराने में हो रहें हैं सफल*
बिंद्रानवागढ़:- चुनाव नजदीक आते ही बिंद्रानवागढ़ का सियासी समीकरण तेजी से बदल रहा है।आदिवासी के लिए बिंद्रानवागढ सीट आरक्षित है। लगातार पिछले तीन चुनाव में इस सीट पर भाजपा जीतते आई है, ऐसे में इस बार आलाकमान जिताऊ चेहरा तलाश रही है,कुछ दिनों पहले तक इस सीट से प्रदेश आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष जनक ध्रुव व जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम को ही प्रबल दावेदार माना जा रहा था। पार्टी ने जनक को 2013 में तो संजय को 2018 में कांग्रेस का प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा था,लेकिन इन दोनों प्रत्याशी को भी भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले बिंद्रानवागढ़ में बारी बारी से हार का मुंह देखना पड़ा। इस बीच इन दो नामों के बीच देवभोग क्षेत्र से एक नौकर शाह की एंट्री ने सियासी समीकरण को बदल कर रख दिया है।विधानसभा स्तरीय संकल्प शिविर शुरू होने से पहले प्रिंसिपल पद छोड़ कर मैदान में महीने भर पहले उतर चुके मूंगझर निवासी लोकेंद्र कोमर्रा 700 लोगों के साथ कांग्रेस में आए। लगभग 10 साल बचे अपने शासकीय सेवा से वीआरएस लेकर चुनावी मैदान में उतर सभी को चौंका दिया। कोमर्रा का पार्टी में प्रवेश कराने का सिलसिला यहीं नहीं थमा बल्कि लगातार क्षेत्र का दौरा कर पार्टी में आम जनता को जोड़ने का काम कर रहें हैं। जिसमें 29 अगस्त को घोघर से 409 लोगों को एवं 31 अगस्त को गोहरापदर से 440 लोगों को पार्टी को सदस्यता दिलवाने में अहम भूमिका निभाया। नवप्रवेशियों में ज्यादातर भाजपा समर्थक एवं पूर्व सरपंच बामदेव नागेश व वर्तमान सरपंच समेत ग्रामीण शामिल थे, इस बीच लोगों ने कहा कि लोकेंद्र कोमर्रा क्षेत्रीय दावेदार के साथ पढ़े लिखे एवं क्षेत्रीय समस्याओं से भली भांति अवगत हैं यदि पार्टी इन्हें इस बार मौका देती हैं तो क्षेत्रीय होने का फायदा मिलेगा एवं लगातार हार रहें बिंद्रानवागढ़ सीट पर जीत कर क्षेत्र के विकास में भागीदार होंगे।